गरुड़ासन

गरुड़ासन क्या हैं गरुड़ासन शब्द एक संस्कृत भाषा का शब्द है जो कि दो शब्दों से मिलके बना है जिसमे पहला शब्द “गरुड़” जिसका अर्थ “ईगल” हैं और दूसरा शब्द “आसन” हैं जिसका अर्थ “पोज़” हैं। भारतीय पौराणिक कथाओं से पता चलता है कि गरुड़ सभी पक्षियों का राजा था। इस पक्षी ने न केवल … Read more

वस्त्रधौति

वस्त्रधौति विधि, लाभ वस्त्र’ का अर्थ है कपड़ा। पेट एवं भोजन नली को कपड़े से साफ करने की क्रिया वस्त्रधौति है। वस्त्रधौति एक अत्यंत लाभकारी शोधन योग क्रिया है जो पुरे शरीर को साफ करते हुए शरीर से विषैले पदार्थ को बाहर निकालने में मदद करता है। शरीर से हानिकारक पदार्थ को वस्त्र के मदद … Read more

कुंजल क्रिया

 कुंजल क्रिया के लाभ इस क्रिया के अभ्यास से तीन अंगों को लाभ मिलता है- पहला जिगर (लिवर), दूसरा हृदय (हार्ट) और तीसरा पेट की आंते (इंटेस्टाइन)। इस क्रिया को करने से व्यक्ति शरीर और मन में बहुत ही अच्छा फिल करता है। व्यक्ति में हमेशा प्रसंन्न और स्फूति बनी रहती है। इस क्रिया को … Read more

कुंजल क्रिया

कुंजल क्रिया के लाभ इस क्रिया के अभ्यास से तीन अंगों को लाभ मिलता है- पहला जिगर (लिवर), दूसरा हृदय (हार्ट) और तीसरा पेट की आंते (इंटेस्टाइन)। इस क्रिया को करने से व्यक्ति शरीर और मन में बहुत ही अच्छा फिल करता है। व्यक्ति में हमेशा प्रसंन्न और स्फूति बनी रहती है। इस क्रिया को … Read more

सूत्रनेति

सूत्रनेति क्या है ? ‘नेति’ हठयोग की क्रिया है जो श्वास मार्ग की सफाई से संबंधित है। इसमें गले की सफाई होती है। प्राणायाम का अधिक से अधिक लाभ उठाने के लिए पहले नेति क्रिया करनी चाहिए ताकि श्वास नली सही तरीके से साफ हो जाए। सूत्रनेति में बारीक धागा नाक के एक छेद में … Read more

जल नेति

जलनेति में नासिका मार्ग की सफाई हेतु जल का प्रयोग होता है। यह योग क्रिया आपके पुरे नासिका छिद्र को साफ करने में मदद करता है। इस तरह से जलनेति आपको बहुत सारी बीमारी एवं परेशानियो से बचाता है। जलनेति के लिए एक लम्बी टोटी (नली) लगे लोटे या बर्तन की आवश्यकता होती है। इस … Read more

जलनेति

जलनेति में नासिका मार्ग की सफाई हेतु जल का प्रयोग होता है। यह योग क्रिया आपके पुरे नासिका छिद्र को साफ करने में मदद करता है। इस तरह से जलनेति आपको बहुत सारी बीमारी एवं परेशानियो से बचाता है। जलनेति के लिए एक लम्बी टोटी (नली) लगे लोटे या बर्तन की आवश्यकता होती है। इस … Read more

सूत्रनेति

सूत्रनेति क्या है ? ‘नेति’ हठयोग की क्रिया है जो श्वास मार्ग की सफाई से संबंधित है। इसमें गले की सफाई होती है। प्राणायाम का अधिक से अधिक लाभ उठाने के लिए पहले नेति क्रिया करनी चाहिए ताकि श्वास नली सही तरीके से साफ हो जाए। सूत्रनेति में बारीक धागा नाक के एक छेद में … Read more

योनि मुद्रा

योनि मुद्रा क्या है योनि मुद्रा को इस तरीके से परिभाषित किया जा सकता है कि यह मुद्रा एक ऐसी मुद्रा है जो किसी व्यक्ति को बाहरी दुनिया के शोरगुल या उथल पुथल से अलग कर देती है। योनि संस्कृत का शब्द है जिसका अर्थ कोख (womb) या गर्भाशय (uterus) होता है। इस मुद्रा को … Read more

जालंधर बंध

मस्तक को झुकाकर ठोड़ी को कण्ठ-कूप ( कण्ठ में पसलियों के जोड़ पर गड्डा है, उसे कण्ठ-कूप कहते हैं ) में लगाने को जालंधर-बंध कहते हैं। जालंधर बंध से श्वास-प्रश्वास क्रिया परअधिकार होता है। ज्ञान-तन्तु बलवान होते हैं। हठयोग में बताया गया है कि इस बन्ध का सोलह स्थान की नाड़ियों पर प्रभाव पड़ता है। … Read more