
गरुड़ासन
गरुड़ासन क्या हैं
गरुड़ासन शब्द एक संस्कृत भाषा का शब्द है जो कि दो शब्दों से मिलके बना है जिसमे पहला शब्द “गरुड़” जिसका अर्थ “ईगल” हैं और दूसरा शब्द “आसन” हैं जिसका अर्थ “पोज़” हैं। भारतीय पौराणिक कथाओं से पता चलता है कि गरुड़ सभी पक्षियों का राजा था। इस पक्षी ने न केवल भगवान विष्णु के वाहन के रूप में कार्य किया बल्कि राक्षसों के खिलाफ लड़ने के लिए भी एक अग्रदूत का काम किया था। पौराणिक कथाओं के अनुसार गरुड़ में सूर्य की किरणों को उपभोग करने वाली आग पाई जाती हैं। गरुड़ासन करने के अनेक लाभ हैं आइये इस आसन को करने की विधि को विस्तार से जानते हैं।
गरुड़ासन करने का तरीका
गरुड़ासन एक उन्नत योग की श्रेणी में आता हैं, इसलिए बिगिनर को इस योगासन को करने में थोड़ी कठिनाई का सामना करना पड़ सकता हैं। आइये गरुड़ासन मुद्रा को करने की विधि को विस्तार से जानते हैं-
- गरुड़ासन करने के लिए आप सबसे पहले किसी साफ़ स्थान पर योगा मैट को बिछा के खड़े हो जाएं।
- गरुड़ासन योग आसन को करने के लिए आप पहले ताड़ासन में भी खड़े हो सकते हैं।
- अब अपने बाएं पैर को उठायें और दाएं पैर की ओर ले आयें और दाएं पैर की जांघ पर जांघ रखते हुये बाएं पैर की उँगलियों फर्श पर रखें।
- इसके बाद अपने दोनों हाथों को सामने की ओर सीधा करें।
- अब दोनों हाथों को कोहिनी के यहाँ से ऊपर की ओर मोड़े और कोहिनी पर 90 डिग्री का कोण बनायें।
- अब अपने दोनों हाथों को क्रॉस की स्थिति में रखें।
- अपने बाएं हाथ के चारों ओर अपना दाहिना हाथ लपेटें।
- दोनों हाथों की हथेलियों आपस में मिलाने की कोशिश करें।
- अपनी नजर को हाथों की उंगलियों पर रखें
- अब अपनी कमर के यहाँ से थोड़ा सा झुके और अपने कूल्हों को नीचे लाएं, इसके लिए आप उत्कटासन योग का भी सहारा ले सकते हैं।
- अब आपके बाएं पैर का पंजा झुकने से दाएं पैर की पिंडली पर आ जायेगा।
- कुछ सेकंड के लिए आप इस मुद्रा में रहने का प्रयास करें तथा गेहरी और धीमी साँस लें साथ में ध्यान को केन्द्रित करने का प्रयास करें।
- यह पूरी क्रिया अब अपने दूसरे पैर से करें
- अब अपनी प्रारंभिक स्थिति में आने के लिए कूल्हों को ऊपर करें और कमर को सीधी करें, हाथ और पैरों को खोल लें।
गरुड़ासन करने के लाभ
गरुड़ासन के फायदे जांघों और कूल्हों को फैलाने में
गरुड़ासन योग करने में आपको एक पैर पर वजन रखें हुए कूल्हों को नीचे की ओर झुकाना पड़ता हैं। इससे आपके पैर की मांसपेशियों पर खिंचाव पड़ता हैं यह खिंचाव पैर की मांसपेशियों को मजबूत करता हैं और आपके जांघ और हिप्स को फैलने में मदद करता हैं।
संतुलन बनाने में लाभदायक गरुड़ासन
जब आप गरुड़ासन योग को करते हैं तो इसमें आपके एक पैर पर शरीर का सम्पूर्ण भर आ जाता हैं। इस मुद्रा को करने के लिए एक पैर पर खड़े होके संतुलन बनाना पड़ता हैं इससे आपके संतुलन बनाने की क्षमता में वृद्धि होती हैं। यह आसन आपको ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है।
पीठ को लचीला बनाने में फायदेमंद गरुड़ासन
ईगल पोज़ पीठ को लचीला बनाए के लिए बहुत ही लाभदायक हैं। इसके अलावा यह आसन पैरों और कूल्हों को लचीला बनाने में भी मदद करता हैं।
गरुड़ासन के अन्य लाभ
- पिंडली की मांसपेशियों को मजबूत करता हैं।
- सायटिका में होने वाली समस्या को दूर करता हैं।
- घुटनों के दर्द को ठीक करने में मदद करता हैं।
- गरुड़ासन योग एक तनाव बस्टर (Buster) के रूप में भी जाना जाता हैं।